
डॉ॰ संग्राम ने दिये ट्रेफिक जाम से निपटने के सुझाव
राष्ट्रीय मानवाधिकार / एंटि-करप्शन एवं क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के रा॰ स॰ / विधि सचिव डॉ॰ संग्राम सिंह ने गत दिवस मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमारे मुल्क में शायद ही कोई ऐसा शहर होगा जहां यातायात की गंभीर समस्या न हो। यही कारण है कि विगत कुछ वर्षों के दौरान सड़कों पर लगातार भयानक होती जा रही भीड़-भाड़ की समस्या को देखते हुए एक शब्द जुबान पर ही आ जाता, वो है “ट्रेफिक जैम”। जब सड़कों पर चारों ओर कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं और लगातार कई घंटों तक वाहन रेंगने पर विवश हो जाते हैं। अब तक के इतिहास में ‘जैम ’ का सबसे भयावह नजारा चीन में बीजिंग-झांगजीकौ राजमार्ग पर देखने को मिला था। अगस्त 2010 में ‘यातायात जैम ’ के दौरान बड़ी संख्या में वाहन ग्यारह दिनों तक एक कतार में रेंगने पर विवश हो गए थे। यह कतार 100 किलोमीटर से भी अधिक लंबी थी। हरियाणा के शहर ही नहीं बल्कि तकरीबन देश के हर शहर का कमोबेश यही हाल है। जितना बड़ा शहर, उतनी ही ज्यादा ट्रेफिक की समस्या।’ सड़कों पर मोटर वाहनों की निरंतर बढ़ती संख्या के कारण ही यह नौबत आई है, जबकि शहरों की परिवहन संबंधी बुनियादी ढांचागत क्षमता, जसे कि सड़कें, उस हिसाब से न ही बढ़ी हैं और न ही चोड़ी हुई हैं। इस समस्या से नारनौल/रेवाड़ी शहर को भी दो चार होना पड़ रहा है। डॉ॰ संग्राम ने इसके प्रतिकूल नतीजे बताते हुए कहा की शहरों की सड़कों पर वाहनों की तादाद काफी ज्यादा बढ़ जाने से आर्थिक, पर्यावरणीय, व्यक्तिगत और यांत्रिक दृष्टि से इसके कई प्रतिकूल नतीजे सामने आये हैं। सड़कों पर वाहनों के धीरे-धीरे चलने पर लोगों की आवाजाही में ज्यादा समय लगता है। ऐसे में कामकाजी लोगों की कार्यक्षमता घट जाती है। अत्यधिक यातायात से प्रदूषण की समस्या में भी इजाफा होता है। डॉ॰ संग्राम ने आगे चर्चा करते हुए कुछ सुझाव भी दिये कि विभिन्न शहरों में ट्रैफिक की भीड़-भाड़ को कम करने के लिए कई तरह के कदमों में से एक कम-से-कम वाहनों का उपयोग करना भी है। कम दूरी तय करने वाले ज्यादातर कार्यों को या तो पैदल ही अथवा साइकिल से पूरा किया जा सकता है। “वर्क फ़्रोम होम” भी एक तरीका है इस समस्या से निपटने का । ‘पीक ट्रैफिक’ की समस्या का “समय समायोजन” के तरीके से छुटकारा पाया जा सकता है। यातायात की भीड़-भाड़ को कम करने के लिए “ इन सामाजिक उपायों ” को अपनाया जा सकता है।
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