महिला अपराध, रेप- दुष्कर्म की घटनाओं की नई गढ़ बनती झारखंड !
डॉ रणधीर कुमार
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो भारत सरकार की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत मे हर दिन औसतन 87 महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं होती है !ध्यान दें यह एक सरकारी डाटा है और रजिस्टर्ड डाटा है और ना जाने कितने लोग बदनामी को लेकर इसकी शिकायत भी दर्ज नहीं करवाते हैं ! ,राजस्थान ,केरला में महिला रेप की घटनाएं सबसे जायदा देखने को मिले हैं !
परन्तु झारखंड अब इस मामले में अछूता नहीं रह गया है पहले रेप जैसे मामलों में इतना इजाफा नहीं था परंतु अभी फिलहाल इसकी घटनाओं में भारी बढ़ोतरी देखने की मिली है यह मैं नहीं कह रहा हूँ यह झारखंड पुलिस की रिपोर्ट कह रही है ! वर्ष 2020 के नवंबर 30 तक राज्य पुलिस की ओर से तैयार आंकड़ों में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं! इसके अनुसार, प्रदेश की राजधानी रांची में दुष्कर्म की सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज की गई हैं. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार रांची में दुष्कर्म की 187 घटनाएं हुईं. जमशेदपुर में 102 और चाईबासा में रेप की 92 मामले दर्ज किए गए. इस मामले में 115 मामलों के साथ गढ़वा दूसरे नंबर पर है. राज्य पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 30 नवंबर तक झारखंड में रेप की कुल 1556 मामले दर्ज किए गए!
इन आंकड़ों को देख कर यकीनन कहना पड़ेगा कि राज्य झारखंड अब दुष्कर्म और रेप जैसी घटनाओं की गढ़ सी बनती जा रही है ! एक बात और ध्यान देने की जरूरत है इन 1556 मामलों में से मात्र 82 मामलों पर ही पुलिस अदालत में आरोप पत्र दाख़िल कर चुकी है ! यह सम्पूर्ण आंकड़े राज्य पुलिस झारखंड के हैं ! बढती महिला दुष्कर्म एवं रेप की घटनाओं पर सरकार की सारी दावों को यह झारखंड पुलिस की रिपोर्ट आईना दिखाने की कार्य करती है !
महिला अधिकार ,महिला सुरक्षा पर सरकार बड़ी बड़ी बातें करती है परंतु इन तमाम रिपोर्ट्स सरकार के माथे पर कालिख के समान है!
झारखंड में महिला दुष्कर्म की घटनाओं का इस प्रकार इजाफा बेहद ही विचारणीय है सरकार को इन सभी मामलो को गंभीरता से निर्णय लेने की जरूरत है साथ ही विशेष नीति निर्धारण करने की जरुरत है !
राज्य में मौजूद सभी पक्ष विपक्ष राजनीतिक दलों को एक मंच पर आ कर बढ़ते महिला दुष्कर्म पर आंदोलन करने की जरूरत है और सरकार को इस पर ठोस कार्रवाई की हेतु दबाब बनाने की जरुरत है !राज्य की पुलिसिया रैवैया को भी सुधारने की जरूरत है क्योंकि 1556 मामलों में मात्र 82 मामलो पर आरोप पत्र अदालत मे दाखिल करना यह बेहद ही विचारणीय है ! कई महिला दुष्कर्म के मामले बेबुनियाद तरीके से साजिश के तहत फसा देते है उस पर भी विशेष अनुसंधान करने की जरुरत है !
बरहाल हम झारखंड के समस्त वासियों से अपील जरुर करना चाहते है कि आप झारखंड को दुष्कर्म का गढ़ न बनने दें ,झारखंड जल जंगल जमीन से जुड़ी बिरसा की इस पवित्र भूमि पावन भूमि को कलंकित न होने दें! सरकार विशेष ध्यान दे और गंभीरता से ऐसे मामलो को निपटारा करे इसकी नितांत जरूरत है !
लेखक मानवाधिकार संगठन एन एच आर सी सी बी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं एवं लेखक है ! IIM राँची एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के छात्र रह चुके हैं !
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