कोरोना वायरस कि चेन को तोड़ना बेहद जरूरी-डॉ॰ संग्राम

 

ये विचार राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो के स्टेट ऍडवाईज़र  डॉ॰ संग्राम सिंह ने क्रिसमस के अवसर पर नारनौल में कोरोना वायरस के जागरूकता अभियान / ऑन लाइन जन जागरण के बारे में गत दिवस चर्चा के दौरान व्यक्त किए। उन्होने कहा की इस मिशन में सा॰ का॰ श्रीमति रेखा यादव, नीरपुर के सरपंच ज्ञान चंद, एनएसीसीबी के जिला अध्यक्ष देवांशु कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता रामनिवास, डॉ॰ ओ॰पी॰ यादव, व एडवोकेट हेमंत वर्मा भी उनके साथ थे। इन्होने ने भी इस “ जागरूकता अभियान” के दौरान लोगों को जागरूक करने में सहयोग दिया। डॉ॰ संग्राम ने बताया कि क्योंकि कोरोना वायरस अभी हमारे बीच से गया नहीं है, इसलिए वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरी दुनिया के साथ- साथ हमारे देश में भी इससे बचाव के लिए काफी कोशिशें की जा रही हैं। हमें इस सब में पूरा सहयोग देना है। कोरोना वायरस-कोविड-19 से संक्रमण से बचाव के लिए संक्रमित लोगों से दूर रहने की सलाह दी जाती हैं। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के बिना मुंह को ढके खांसने, छींकने से फैल सकता है, क्योंकि कोरोना वायरस मुंह से निकले बूंदों के जरिए निकलकर हवा में थोड़ी दूरी तक फैल सकता है। कोरोना वायरस का संक्रमण पीड़ित व्यक्ति से हाथ मिलाने से भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हस्तांतरित हो सकता है। जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के कांटैक्ट में आता है तो वायरस कितना वायरल है, इसके आधार पर खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है। जिसे वायरस का अटैक हुआ हो उसे बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खरास जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों (बुजुर्ग) यानी जिनकी रोगों से लड़ने की ताकत कम है ऐसे लोगों के लिए यह घातक है। बुजुर्ग और बच्चे इसके आसान शिकार हैं। कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए संक्रमित लोगों से दूर रहने की सलाह दी जाती हैं। जैसे कि भीड़ में जाने पर हाथ- मुंह धोना, बुखार और खांसी होने पर घरेलू और सामान्य उपचार करने के बजाय तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि अभी कोरोनावायरस से बचने के लिए वैक्सीन लगनी शुरू नहीं हुई है, तो सावधानी ही बचाव के लिए बेहतर उपाय है। संयुक्त राष्ट्र और डब्लू एच ओ ने भी कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को कम करने के उपाय बताए हैं। ज्यादा जरूरी हो तो ही घर से निकलें या फिर घर पर ही रहें। सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें। ऑफ़िस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाकर ही जाएं। कोशिश करें की सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें। स्वच्छता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। छींकते या खांसते समय अपने चेहरे को ढककर रखें। अगर आपको शक है कि आपमें ऐसा कोई लक्षण है तो नज़दीकी अस्पताल में जाएं और पूरा ट्रीटमंट लें। डॉ॰ संग्राम ने सलाह दी की हमें भीड़भाड़ वाले इलाक़ों से बचना चाहिए। ये हमे मानना है की हॉस्पिटल का आई॰ सी॰ यू॰ से बेहतर “घर” होता है।
हमारे प्रधान मंत्री जी द्वारा किया गया आवाहन “जनता कर्फ्यू” , यानि “सोश्ल डिस्टेन्सिंग” को अपनाएं। वीक एंड “आइसोलेसन” यानि कुछ दिन अलग थलग रहने से इस वाइरस हम हरा सकते हैं। इन तरीकों से हम वाइरस कि “चेन” को तोड़ सकते हैं, इसे आगे बढ्ने से रोक सकते हैं। कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए हमें उससे कहीं अधिक करने कि जरूरत है, वो भी बिना पेनिक हुए (बिना घबराये)। इससे बचने के लिए सतर्कता और सावधानी ही एकमात्र उपाय है।

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