शतरंज खिलाड़ियों का पैसा वापस लौटाएगी कुरियर कंपनी : रिजिजू

चेन्नई| केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि वह यह खबर सुनकर काफी दुखी थे कि फिडे आनलाइन ओलंपियाड में जीते गए अपना स्वर्ण पदक पाने के लिए शतरंज खिलाड़ियों को कस्टम डयूटी का भुगतान करना पड़ा। चेन्नई एयरपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी का भुगतान करने के बाद ही भारतीय शतरंज टीम को स्वर्ण पदक दिया गया था। टीम ने ये स्वर्ण पदक इस साल अगस्त में फिडे आनलाइन ओलंपियाड में जीते थे।

रिजिजू ने टिवटर पर कहा, ” मैं यह खबर सुनकर बहुत उदास हूं। मेरे कार्यालय ने पहले ही एथलीटों से बात की है। यह कस्टम डयूटी और कुरियर कंपनी के बीच गलतफहमी का मामला था। अब मामले का हल हो गया है। कंपनी ने स्लिप को स्वीकार कर लिया है और वह एथलीट श्रीनाथ नारायणन को अब पैसा वापस लौटाएगी।”

भारत और रूस के बीच अगस्त में ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड में खेला गया फाइनल नाटकीय अंदाज में खत्म हुआ था और शतरंज की वैश्विक संस्था-फिडे ने दोनों देशों को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया था।

विजेता भारतीय टीम में कप्तान विदित गुजराती, पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद, कोनेरू हंपी, डी हरिका, आर प्राग्गनानंद, पी हरिकृष्णा, निहाल सरीन और दिव्या देशमुख, पेंटिका अग्रवाल और श्रीनाथ नारायणन शामिल थे।

भारतीय शतरंज टीम के नॉन प्लेइंग कप्तान ग्रैंड मास्टर (जीएम) श्रीनाथ नारायणन ने आईएएनएस से कहा था कि डीएचएल को कस्टम डयूटी का भुगतान करने के बाद ही उन्हें 12 पदक मिले हैं। नारायणन ने कहा कि उन्होंने कस्टम डयूटी विभाग बेंगलुरु को संबोधित डीएचएल को एक पत्र दिया था, जिसमें इन पदकों के बारे में बताया गया था। आम तौर पर, अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक जीतने के बाद विदेशों से लौटने वाले भारतीय खिलाड़ियों के लिए कस्टम डयूटी में छूट दी जाती है।

 

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