नवरात्र का छठा दिन: मां कात्यायनी की आराधना,चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना
झारखण्ड संवादाता/ दशरथ विश्वकर्मा
नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा करने का विधान है। मां कात्यायनी ने महिषासुर नाम के असुर का वध किया था। जिस कारण मां कात्यायनी को दानवों, असुरों और पापियों का नाश करने वाली देवी कहा जाता है। मां कात्यायनी को ही महिसासुर मर्दिनि भी कहा जाता है। मान्यता है कि महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति मां दुर्गा ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। जिससे उनका नाम कात्यायनी विख्यात हुआ।
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