
प्रो रमेश शरण जैसे व्यक्तिव हमेशा अजर -अमर रहेंगे : डॉ अजीत सिन्हा
राज्य ब्यूरो झारखंड/ उमेश सिन्हा : आज रांची विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग मे प्रसिद्ध अर्थशास्त्री,अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष,एवं विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रमेश शरण के नाम पर एक ब्याख्यान माला का आयोजन हुआ जिसमें राँची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर अजीत कुमार सिन्हा ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन करते हुए कहा कि प्रोफेसर रमेश शरण हमारे गुरू,प्रसिद्ध अर्थशास्त्री,नागरिक समाज के एक्टिविस्ट, झारखण्ड एवं केन्द्र सरकार के आर्थिक सलाहकार, प्रबुद्ध विद्वान एवं एक समाज वैज्ञानिक थे।उन्होंने कहा कि आप ताज्जुब करेंगे कि शरण साहब संस्कृत विभाग के एक पड़े हुए बोर्ड को उठाकर हास्टल ले गए जहां हम लोगों को रूम नम्बर पच्चीस में अर्थशास्त्र पढाया करते थे कि तबसे आज तक हमारे सम्बन्ध बने ही रहे हैं।शरण साहब कुलपति होते हुए भी हजारीबाग मे छात्रों को पढाते थे।वे छात्रों को इस तरह पढाते थे कि शोध की हायपोथेसिस वो स्वंय विकसित कर ले।वो ना सिर्फ पढाते थे बल्कि अगली पीढी के लिए स्टुडेंट भी तैयार करते थे।वो समय निकाल कर चार घंटे प्रतिदिन पढते थे ऐसे व्यक्ति का नाम हमेशा अजर अमर रहेगा।
उर्दू विभाग में आयोजित दो सत्रीय व्याख्यान माला में यादवपुर विश्वविद्यालय के प्रो तरूण नस्कर,शिक्षा बचाओ संघर्ष समिती के सुमित राय,मानविकी संकायाध्यक्ष प्रोफेसर अर्चना दूबे,अर्थशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉक्टर बन्दना राय मनोविज्ञान विभागके अध्यक्ष डाक्टर प्रवेज हसन,राजनीतिक शास्त्र के विभागाध्यक्ष बागीश चन्द्र वर्मा ,संस्कृत विभागाध्यक्ष उषा टोप्पो,डॉक्टर निवेदिता दास,मधुलिका वर्मा,डॉक्टर एजाज अहमद,डॉ भारती द्विवेदी,प्रशांत कुमार, मंटू पासवान,प्रवीन कुमार महतो,डॉक्टर एजाज अहमद,दिलीप कुमार महतो,पतित पावन कुंडुलना,समर कुमार महतो,राजीव कुमार दास,समीउल्लाह खान,सनत कुमार बोस,सुब्रत कुमार, आदि ने भी प्रोफेसर रमेश शरण के जीवन और कार्य को केंद्रित करते हुए संगोष्ठी को संबोधित किया।इस अवसर पर उर्दू विभाग के अंतिम वर्ष के छात्रों के एक विदाई समारोह को भी कुलपति ने संबोधित किया और ग्रुप फोटो में सम्मिलित हुए ।संगोष्ठी की अध्यक्षता उर्दू विभागाध्यक्ष डॉक्टर मो रिजवान अली ने की। एक पूर्ववर्ती छात्र डॉक्टर मोहम्मद शारिब की दो पुस्तकों’ पैगाम आफाकी के नावेलों का तंकीदी जाएजा एवं मेरी अदबी तहरीरे का विमोचन भी कुलपति ने किया।
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